Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2022 · 1 min read

ईद में खिलखिलाहट

ईद में चाँद सी खिलखिलाहट अपने पराए सबको दावत
हर गली मुहल्ले गुले गुलज़ार हो

पैगाम ए दोस्ती आ गले मिल जा
आज किशन के घर सभी का इफ़्तार हो.
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 2 Comments · 280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
शीत लहर
शीत लहर
Madhu Shah
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
पूर्वार्थ
मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
Shweta Soni
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आज बुजुर्ग चुप हैं
आज बुजुर्ग चुप हैं
VINOD CHAUHAN
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
*हिंदी तो मेरे मन में है*
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कितने शब्द हैं
कितने शब्द हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बुद्ध होने का अर्थ
बुद्ध होने का अर्थ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
ऋतु गर्मी की आ गई,
ऋतु गर्मी की आ गई,
Vedha Singh
दौड़ पैसे की
दौड़ पैसे की
Sanjay ' शून्य'
गृहणी
गृहणी
Sonam Puneet Dubey
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है
जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
**!! अलविदा दीपावली !!*
**!! अलविदा दीपावली !!*"
AVINASH (Avi...) MEHRA
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
वह है हिंदी हमारी
वह है हिंदी हमारी
gurudeenverma198
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
नूरफातिमा खातून नूरी
कांछन-गादी
कांछन-गादी
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
आत्मघात क्यों?
आत्मघात क्यों?
*प्रणय*
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
Loading...