Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

इस राष्ट्र की तस्वीर, ऐसी हम बनायें


आये नजर जिसमें, सबके लिए खुशी।
इस राष्ट्र की तस्वीर, ऐसी हम बनाये।।
आबाद हो सबकी खुशी, ऐसा करें हम।
इस राष्ट्र की मंजिल, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें———————-।।

सबको मिले आजादी, ऐसी हो विधि।
यहाँ दूर हो गरीबी, सबको मिले निधि।।
प्रगति के साधन हो, यहाँ सभी के पास।
इस राष्ट्र की सरकार, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें——————-।।

चैनो- अमन के फूल, यहाँ खिलते रहें।
अखंडता की ज्योति, यहाँ जलती रहें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की हो, यहाँ भावना।
इस राष्ट्र की प्रीत, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें——————।।

बिना भेदभाव के, सम्मान सभी का हो यहाँ।
वीर- महापुरुषों का, गुणगान हमेशा हो यहाँ।।
विश्वगुरु बने भारत, ऐसे हम कर्म करें।
इस राष्ट्र की तालीम, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें——————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" जख्म "
Dr. Kishan tandon kranti
हो गये हम जी आज़ाद अब तो
हो गये हम जी आज़ाद अब तो
gurudeenverma198
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
है कौन वो राजकुमार!
है कौन वो राजकुमार!
Shilpi Singh
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
Neelofar Khan
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
शेखर सिंह
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
*भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)*
*भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खोखले शब्द
खोखले शब्द
Dr. Rajeev Jain
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
DrLakshman Jha Parimal
"समय का मूल्य"
Yogendra Chaturwedi
संस्कृति संस्कार
संस्कृति संस्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
Ravikesh Jha
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
...
...
*प्रणय*
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
*दोस्त*
*दोस्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
लेखनी कहती यही है
लेखनी कहती यही है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
जीवन में असली कलाकार वो गरीब मज़दूर
जीवन में असली कलाकार वो गरीब मज़दूर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...