इस दिल में …..
इस दिल में …
तमाम उम्र
मैंने उसकी चौखट पर
किसी ख्वाहिश के लिए
बंदगी नहीं की
मगर जब से
तेरे लबों पे
मेरे नाम की जुंबिश
होने लगी है
कसम ख़ुदा की
उसकी सज़दे की
इस दिल में
हसरत होने लगी है
सुशील सरना
इस दिल में …
तमाम उम्र
मैंने उसकी चौखट पर
किसी ख्वाहिश के लिए
बंदगी नहीं की
मगर जब से
तेरे लबों पे
मेरे नाम की जुंबिश
होने लगी है
कसम ख़ुदा की
उसकी सज़दे की
इस दिल में
हसरत होने लगी है
सुशील सरना