इस कदर मशगूल हूं तेरी इबादत में कृष्णा।
इस कदर मशगूल हूं तेरी इबादत में कृष्णा।
सांस भी चलती है तो खलल होता है।।
क्या करूं तुझे देखने की आदत है मुझको।
ना मिलूं तुझसे तो ये दिल उदास होता है।।
इस कदर मशगूल हूं तेरी इबादत में कृष्णा।
सांस भी चलती है तो खलल होता है।।
क्या करूं तुझे देखने की आदत है मुझको।
ना मिलूं तुझसे तो ये दिल उदास होता है।।