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2 May 2024 · 1 min read

इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।

इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
बचती नहीं फूटी कौड़ी,खर्च हो जाता है पाई-पाई।।
-शेखर सिंह

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