इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
बचती नहीं फूटी कौड़ी,खर्च हो जाता है पाई-पाई।।
-शेखर सिंह
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
बचती नहीं फूटी कौड़ी,खर्च हो जाता है पाई-पाई।।
-शेखर सिंह