इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/4994c5df2134a1da8bc1f444626a6009_744a3a39b570f966e221a7957121415d_600.jpg)
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
बचती नहीं फूटी कौड़ी,खर्च हो जाता है पाई-पाई।।
-शेखर सिंह
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
बचती नहीं फूटी कौड़ी,खर्च हो जाता है पाई-पाई।।
-शेखर सिंह