इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
तू हकीकत में मौहब्बत की एक मिसाल है ।
तुझको ख्वाबों में जब भी देखा तो ऐसा लगा ।
तू मलिका-ऐ हुस्न है या सिर्फ मेरा ख्याल है
तेरे होठों की सदाकत को जब भी देखा है।
मुस्सल दिल का भी मेरे हुआ बुरा हाल है।
तुझको पाने की जुस्तजू थी मुझको भी ।
तुझे पाकर भी पा न सके हम यही मलाल है
Phool gufran