Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।

इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।

मन मैला करके घड़ियाली आंसू रोते हैं लोग ।

•• लखन यादव (गंवार)••
गांव :- बरबसपुर (बेमेतरा)36गढ़

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
साइंस ऑफ लव
साइंस ऑफ लव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
Only attraction
Only attraction
Bidyadhar Mantry
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
bharat gehlot
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
■आज का #दोहा।।
■आज का #दोहा।।
*प्रणय प्रभात*
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
कविता
कविता
Shweta Soni
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गांव अच्छे हैं।
गांव अच्छे हैं।
Amrit Lal
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी वफा
हमारी वफा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
Loading...