इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
मन मैला करके घड़ियाली आंसू रोते हैं लोग ।
•• लखन यादव (गंवार)••
गांव :- बरबसपुर (बेमेतरा)36गढ़
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
मन मैला करके घड़ियाली आंसू रोते हैं लोग ।
•• लखन यादव (गंवार)••
गांव :- बरबसपुर (बेमेतरा)36गढ़