इसमें भी राजी, उसमे भी राजी l
इसमें भी राजी, उसमे भी राजी l
रचना, यह भी ताजी, वह भी ताजी ll
रसिक कवि की प्रीत, बड़ी अजीब रही l
प्यास, न हारे और न जीते बाजी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
इसमें भी राजी, उसमे भी राजी l
रचना, यह भी ताजी, वह भी ताजी ll
रसिक कवि की प्रीत, बड़ी अजीब रही l
प्यास, न हारे और न जीते बाजी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न