इसके सिवा क्या तुमसे कहे
इसके सिवा क्या तुमसे कहे।
आबाद सदा तुम खुश रहना।।
गर आये कोई आफत तुमपे।
हमसे छुपाकर नहीं रखना।।
इसके सिवा क्या—————–।।
कभी नहीं समझना पराया हमको।
दिलो- जान से हम चाहते हैं तुमको।।
हमको अपना सदा मानकर तुम।
हाल तुम्हारे बताते रहना।।
इसके सिवा क्या—————–।।
हमने जो भी सपनें देखें हैं।
रोशन दीये कर जो रखें हैं।।
ताकि हमेशा तू रोशन रहें।
मुकम्मल हो तेरा हर सपना।।
इसके सिवा क्या——————।।
खुशियों से भरा तेरा दामन रहें।।
मुस्कराता सदा तेरा चेहरा रहें।।
गम का कोई साया तुझपे नहीं हो।
हमेशा हंसते हुए तू रहना।।
इसके सिवा क्या———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)