इश्क़ में मयख़ाने बहे होंगें
तुम्हारी आँखों से भी इश्क़ में मयख़ाने बहे होंगें
दबी दबी ही सही ज़ुबा ने कुछ अफ़साने कहे होंगें
ये दौर हर इक़ की ज़िन्दगी में आया नहीं करता
मग़र तुम चुप से रहते हो तुम्हारें भी ज़माने रहे होंगें
__अजय “अग्यार
तुम्हारी आँखों से भी इश्क़ में मयख़ाने बहे होंगें
दबी दबी ही सही ज़ुबा ने कुछ अफ़साने कहे होंगें
ये दौर हर इक़ की ज़िन्दगी में आया नहीं करता
मग़र तुम चुप से रहते हो तुम्हारें भी ज़माने रहे होंगें
__अजय “अग्यार