इश्क तो हो ही गया..
इश्क तो हो ही गया फिर अब छुपाना क्युँ है!
परिंदों को तेज हवाओं से अब बचाना क्युँ है!
क़ाफ़िले गुज़रे हुए बहुत वक्त हुआ “अनूप”!
अब इन राहों पे चराग़ों को जलाना क्यूँ है!
?-AnoopS©
इश्क तो हो ही गया फिर अब छुपाना क्युँ है!
परिंदों को तेज हवाओं से अब बचाना क्युँ है!
क़ाफ़िले गुज़रे हुए बहुत वक्त हुआ “अनूप”!
अब इन राहों पे चराग़ों को जलाना क्यूँ है!
?-AnoopS©