इश्क की राहों में मिलते हैं,
इश्क की राहों में मिलते हैं,
सपनों के रंग,
हकीकत की परछाइयाँ,
ज़िंदगी को स्याह बना देती हैं
आँखे बरसने लगती है
बेसबब कभी भी
हर आँसू में
तेरा अक्स नज़र आता है
महफ़िल हों खुशियों की बेशक
साया ग़म का उभर आता है
हिमांशु Kulshrestha