इश्क का बाजार
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है मेरी सरफराजी क्या करूं,
नजरों से जालसाजी क्या करूं।
वो व्यापारी है बड़ा इश्क के बाजार का,
मैं हूं अदना सा, सौदेबाजी क्या करूं।।
है मेरी सरफराजी क्या करूं,
नजरों से जालसाजी क्या करूं।
वो व्यापारी है बड़ा इश्क के बाजार का,
मैं हूं अदना सा, सौदेबाजी क्या करूं।।