इश्क का दरिया
यह इश्क का दरिया है
सोच-समझ कर तुम
अपना कदम रखना
सुना है यह अच्छे- अच्छे
तैराकों को निगल जाती है
ऊपर से जितनी शांत दिखती है
अन्दर उतनी ही हलचल मचाती है
न ठीक जीने देती है,और
न ठीक से मरने देती है
सुना है अपने अन्दर यह
कितनो को डुबो देती है।
~अनामिका