इश्किया होली
रंग होली के लगाएँगे उसे
दिल में हम बसाएंगे उसे
अपना हाल ए दिल आज
होली के रंगों से सुनाएंगे उसे
होली में तो लगते है दुश्मन भी गले
आज गले लगकर अपना बनाएंगे उसे
है जो मेरे दिल की तमन्ना बरसों से
अपने दिल की धड़कन सुनाएंगे उसे
है नहीं ये सिर्फ़ रंग होली के
ये हमारे जीवन के अंदाज़ है
चमक रहा तेरा चेहरा जिनसे
वो रंग मेरे दिल की आवाज़ है
समझ ले अब तो इनको
चेहरे से अपने दिल में उतार दे
बाक़ी की ज़िंदगी अपनी
अब तू मुझको उधार दे
नहीं रखूंगा पलकों पर तुम्हें
अपने दिल में ज़रूर बसा लूंगा
नज़र न लग जाए दुनिया की
इसलिए तुम्हें दिल में छुपा लूंगा
कह रहे है ये रंग भी आज
रंग दो तुम मेरे दिल को भी आज
बना लोगे मुझको अपना कान्हा
तो यादगार बन जाएगी ये होली आज।