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हिमांशु Kulshrestha
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1 Mar 2024 · 1 min read
इश्क़
इश्क़
कमाल हैं ये ढाई अक्षर,
किसी को है मयस्सर
तो किसी के लिए बस ख्वाब
हिमांशु Kulshrestha
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