इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
मोहब्बत में मोहब्बत का मोहब्बत से गुज़ारा हो गया ।
जो जुवां से भी ज़ाहिर कर ना पाये मोहब्बत मेरी।
वहीं मेहबूब अब उम्र भर के लिए तुम्हारा हो गया।।
Phool gufran