इबादत किया उतना, जीतना मैं कर सका
इबादत किया उतना, जीतना मैं कर सका
इससे ज्यादा किसी पे ना मै मर सका।।
उन्हें आज भी शिकायत है कि मैं और बदलता
उन्हें कौन समझाए, मैं मैं हूं और कितना बदलता।।
नितु साह
इबादत किया उतना, जीतना मैं कर सका
इससे ज्यादा किसी पे ना मै मर सका।।
उन्हें आज भी शिकायत है कि मैं और बदलता
उन्हें कौन समझाए, मैं मैं हूं और कितना बदलता।।
नितु साह