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30 Jun 2021 · 1 min read

इन्द्रियों पर वश हो तेरा – मुक्तक

१.

इन्द्रियों पर वश हो तेरा
तेरा सब अनुसरण करें ऐसा कद हो तेरा

जिसकी कल्पना न की हो किसी ने
ऐसा अलौकिक , अद्वितीय व्यक्तित्व हो तेरा

२.

सूरज सा तेज , चाँद सी चांदनी दे दे
हो सके तो मेरे खुदा मुझे भी जिंदगानी दे दे

कि पल रहे हैं सभी तेरे करम से
मुझे भी इबादते – जिंदगानी दे दे

3.

जब कालिंदी पवित्र नाद करने लगे
जब धरती हरियाली का आचमन करने लगे

जब प्राणवायु में खुशबू बहने लगे
समझो प्रकृति प्रसन्नता व्यक्त कर रही है

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 189 Views
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