इन्द्रियों पर वश हो तेरा – मुक्तक
१.
इन्द्रियों पर वश हो तेरा
तेरा सब अनुसरण करें ऐसा कद हो तेरा
जिसकी कल्पना न की हो किसी ने
ऐसा अलौकिक , अद्वितीय व्यक्तित्व हो तेरा
२.
सूरज सा तेज , चाँद सी चांदनी दे दे
हो सके तो मेरे खुदा मुझे भी जिंदगानी दे दे
कि पल रहे हैं सभी तेरे करम से
मुझे भी इबादते – जिंदगानी दे दे
3.
जब कालिंदी पवित्र नाद करने लगे
जब धरती हरियाली का आचमन करने लगे
जब प्राणवायु में खुशबू बहने लगे
समझो प्रकृति प्रसन्नता व्यक्त कर रही है