इनसे दूर ही रहना तुम
होता नहीं कोई आदर्श जग में
कुछ कमी तो सब में होती है
जिनमें कोई कमी नहीं होती
उनकी गिनती तो रब में होती है
जिसमें हो कमियां कम
उसको ही अपना आदर्श बनाएं
जब हो किसी कठिनाई में तुम
जो तुम्हें सही राह दिखाए
बोलता हो जो हर बात पर झूठ
कभी उसको अपना आदर्श न बनाएं
हो न पाए हर बार अगर, फिर भी
कभी तो उसे आईना ज़रूर दिखाएं
है चलन बहुत आजकल धोखे का
धोखेबाज़ों से भी दूरी बनाएं
नहीं मालूम कब छोड़ जाएं तुमको
और दिन में भी तारे दिखाएं
बचकर रहना गुस्सेवालों से भी
उनके ज़्यादा निकट न जाना तुम
नहीं जान पाओगे किसी और की पोटली
कब डाल दी जाए तुम्हारे सिर
होता है मीठा बोलना अच्छा
लेकिन अति मीठे वचनों से भी बचना तुम
छुपी है इन मीठे वचनों में कितनी कड़वाहट
कभी चखने की कोशिश न करना तुम
अब सबसे बड़ी सलाह, इन सबसे ज़्यादा
स्वार्थी लोगों से बचना तुम
लगेगा उनसे ज़्यादा अपना कोई नहीं
वक्त आने पर न पाओगे उनको साथ तुम।