इतिहास ना दोहराओ
दिल ना बाचों,ये दिल हैं कोई किताब तो नहीं
लिखों जितना चाहे मगर इतिहास ना दोहराओं
एक नया राह बनाओं,एक नई उड़ान भर
जितना चाहो गगन को चूमो
मगर अपने सपने को झूका कर किसी की चाह ना पालों
हम तो कहते हैं लिखों-पढों मगर इतिहास ना दोहराओ
झूठ-मूठ के दिल ना बाचों,ये दिल है कोई किताब नहीं।
नीतू साह