इतिहास और वर्तमान
इतिहास अतीत का वह दस्तावेज है, जिससे हम जानकारी लेकर वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है,
इतिहास की सही वा सटीक जानकारी तथ्य तर्क एवं विषय वस्तु प्राप्त कहाँ से हो,
प्रथम द्रष्टा में किताबों से,
फिर लेखक निदेशक ने तथ्य कहाँ कहाँ से वा कितनी तैयारी के साथ स्थान दिया.
उसकी मनोदशा पक्षपातपूर्ण तो नहीं.
उसका दृष्टिकोण स्वतंत्र है या लगाव पैदा करनेवाले,
अर्थव्यवस्था वा व्यवस्था के क्षेत्र में
उपनिवेश और व्यापार
औद्योगिक क्रांति
पूँजीवाद
विनिवेश
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ऐसे ही सभ्यता संस्कृति और धार्मिक विकास, भक्ति आंदोलन, और दार्शनिक एवं वैज्ञानिक मत,
और वैज्ञानिक स्तर उपकरण वा खोजें
जिसने मनुष्य की जीवनशैली को ही प्रकृति से अलगथलग करके जीव हित से दूर ले गया,
इतिहास की विवेचना के पीछे, अगर देखा जाये, उपनिषद वेद शास्त्र संग्रह टीकाओं की शैली को पकडे हुए है अर्थात छोड नहीं पाया है,
इसलिए वह वर्तमान और भविष्य को कुचल रहा है, अतीत को भूलकर उसे नष्ट करके ही
एक नया आदमी नूतन जीवन को उपलब्ध हो सकता है,
आदमी की मूलभूत आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए, सब भूलकर आजीविका की ओर अग्रसर होना ही कायाकल्प साबित होगा,
Mahender Singh Hans