इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
शायद वो अल्फाज नही,जिनसे मैं कुछ बोल सकू,
बिन बोले कुछ समझ सको ,इस अंतर्मन की गहराई में,
हवा के झोंके से तुम न जाना,आए हो गर मेरे तुम”||
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
शायद वो अल्फाज नही,जिनसे मैं कुछ बोल सकू,
बिन बोले कुछ समझ सको ,इस अंतर्मन की गहराई में,
हवा के झोंके से तुम न जाना,आए हो गर मेरे तुम”||