इक रोज़ मैं सोया था,
इक रोज़ मैं सोया था,
न जाने किसी की यादों में खोया था
उसके सपने थे जहन में,
उस बेवफ़ा के खातिर इतना रोया था
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
इक रोज़ मैं सोया था,
न जाने किसी की यादों में खोया था
उसके सपने थे जहन में,
उस बेवफ़ा के खातिर इतना रोया था
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”