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16 May 2024 · 1 min read

इक रोज़ मैं सोया था,

इक रोज़ मैं सोया था,
न जाने किसी की यादों में खोया था
उसके सपने थे जहन में,
उस बेवफ़ा के खातिर इतना रोया था

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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