इक रूह ही थी बस अपनी।
इक रूह ही थी बस अपनी आज वो भी तनसे जुदा हुई है।
अभी हम मरना ना चाहते थे पर ये जिन्दगी बे वफा हुई है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
इक रूह ही थी बस अपनी आज वो भी तनसे जुदा हुई है।
अभी हम मरना ना चाहते थे पर ये जिन्दगी बे वफा हुई है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️