Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2024 · 1 min read

इक नई मोड़ हर रोज़ सामने आ जाती है,

इक नई मोड़ हर रोज़ सामने आ जाती है,
संभल के चलने का फ़लसफ़ा सिखा जाती है

©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

7 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
"खुशी"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मान हो
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
साँसें थम सी जाती है
साँसें थम सी जाती है
Chitra Bisht
चिन्ता कब परिवार की,
चिन्ता कब परिवार की,
sushil sarna
स्त्री
स्त्री
Dinesh Kumar Gangwar
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
तुमने मुझको कुछ ना समझा
तुमने मुझको कुछ ना समझा
Suryakant Dwivedi
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
Ram Krishan Rastogi
अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा)
अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"" *वाङमयं तप उच्यते* '"
सुनीलानंद महंत
नये साल के नये हिसाब
नये साल के नये हिसाब
Preeti Sharma Aseem
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*टमाटर (बाल कविता)*
*टमाटर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
गलतियां वहीं तक करना
गलतियां वहीं तक करना
Sonam Puneet Dubey
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
..
..
*प्रणय*
वीरांगनाएँ
वीरांगनाएँ
Dr.Pratibha Prakash
Dad's Tales of Yore
Dad's Tales of Yore
Natasha Stephen
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
Loading...