“इक झलक”
उसे हरी चूड़ियां बहुत पसन्द थी,
मैं अक्सर उसके लिए ले जाता था।
उसके माथे पर लाल बिंदी बहुत सुंदर लगती थी,
मैं अक्सर उसके माथे पर लाल बिंदी सजाता था।
उसके होंठों पे हंसी बनी रहे इसलिए,
हर वो तमाम कोशिश में आपनाता था।
वो इतनी खूबसूरत थी में किया कहूं उसकी तारीफ़ में,
उसकी इक झलक देख आइना भी जलन में टूट जाता था।