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20 May 2024 · 1 min read

इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।

ग़ज़ल

—–” ‘ ” “—- ” ‘ ” “—-” ‘ ” “—–” ‘ “—–

इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
देख कर हमको हुआ उफ़ जो नशा कुछ और है ।।

कर गए बेचैन मुझको आपकी नजरें सनम ।
पास आ जाओ तो हमदम वो दवा कुछ और है ।।

जिंदगी के मोड पर तुम इस तरह मुझको मिले ।
बस हुआ अहसास ऐसा दरमियां कुछ और है ।।

हर क़दम पर जीत होगी मंजिलें मिल जाएंगी ।
साथ देकर जो करें दिल से दुआ कुछ और है ।।

रौनकें महफ़िल हुई थी उनके आने से वहां ।
“ज्योति” उनके शायरी में बस मज़ा कुछ है।।

ज्योटी श्रीवास्तव (Jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️

1 Like · 87 Views
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