इक आह।
इक आह सी निकली उन बुजुर्गों में।
आसमा भी गुस्से में आया लगता है।।
यूं देखा गरीब की बद्दुआ का असर।
खुदा इनका फौरन इंसाफ़ करता है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
इक आह सी निकली उन बुजुर्गों में।
आसमा भी गुस्से में आया लगता है।।
यूं देखा गरीब की बद्दुआ का असर।
खुदा इनका फौरन इंसाफ़ करता है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍