Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना ह

इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना होगा की शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबें नहीं, उनसे मिलने वाली बातों के ज्ञान के असीम संसार को हमें अपने में समाहित कर लेना ही शिक्षा का असली स्वरूप है.. समाज को आज एक बार फिर से, मुंशी प्रेमचंद, पंचतंत्र, चाचा चौधरी,पिंकी, विवेकानंद,गाँधी जी, अरस्तू, शुक्रात्, आदि नैतिक शिक्षाओं की तरफ़ लौटना ज़रूरी है,
ध्यान भी एक बेहतरीन माध्यम होगा..

समाज को थोड़ा शांत,संयम, धैर्य, साहस से इस पर विचार करने की एक बार फिर से ज़रूरत है..

बेहतर पीढ़ी ही, बेहतरीन कल बनायेगी…

93 Views

You may also like these posts

कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
हे ! माँ सरस्वती
हे ! माँ सरस्वती
Harminder Kaur
उम्मीद
उम्मीद
Pratibha Pandey
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
मन की बात
मन की बात
Ruchi Sharma
जैसी बदनामी तूने मेरी की
जैसी बदनामी तूने मेरी की
gurudeenverma198
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
Dr. Vaishali Verma
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
सजल
सजल
seema sharma
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
AE888 - Tham Gia và Trải Nghiệm Cá Cược Trực Tiếp với Tỷ Lệ
AE888 - Tham Gia và Trải Nghiệm Cá Cược Trực Tiếp với Tỷ Lệ
AE888
देख परीक्षा पास में
देख परीक्षा पास में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
भरोसा
भरोसा
Omee Bhargava
" Happiness: An expression of pure souls "
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
एक ख्वाब
एक ख्वाब
Ravi Maurya
मन ...
मन ...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
Rj Anand Prajapati
शब्द
शब्द
Mamta Rani
I think she had lost herself
I think she had lost herself
VINOD CHAUHAN
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
Ravi Prakash
प्रीत
प्रीत
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
2923.*पूर्णिका*
2923.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...