इंसान बनाएंगे
मिलकर फिर लहू बहाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे
जाति धर्म की बात जो करते
उनको इंसान बनाएंगे
खर्चों से कुछ नित्य बचाकर
रूखी सूखी रोटी खाकर
शिक्षा की अलख जगाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे
प्यार से चाहे, तकरार से
हर प्रयास से, हर प्रकार से
नफरत के निशा मिटाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे
बची रहे बेटी की असमत
प्राणों से प्यारी यह दौलत
बेटी का मान बढ़ाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे
देश का अपने रखना ध्यान
मन में रहे सबका सम्मान
संस्कार यही सिखाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे
छुआछूत नहिं पनपे मन में
एक ही रक्त है हर तन में
सबको यह पाठ पढ़ाएंगे
हम भारत नया बनाएंगे