Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ

इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ,क्षोभ,यश,क्रोध प्रेम का भूकम्प आ रहा है जिसका केंद्रबिंदु उसका मस्तिष्क है।
RJ Anand Prajapati

195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
विचार
विचार
Shriyansh Gupta
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
मेरी माँ
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आओ स्वतंत्रता का पर्व
आओ स्वतंत्रता का पर्व
पूनम दीक्षित
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
" लो आ गया फिर से बसंत "
Chunnu Lal Gupta
धनतेरस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
धनतेरस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
यें जो तेरे-मेरे दरम्यां खाई है
यें जो तेरे-मेरे दरम्यां खाई है
Keshav kishor Kumar
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
4231.💐 *पूर्णिका* 💐
4231.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़रा मुस्क़ुरा दो
ज़रा मुस्क़ुरा दो
आर.एस. 'प्रीतम'
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
Indu Singh
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
😢कड़वा सत्य😢
😢कड़वा सत्य😢
*प्रणय*
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
Piyush Goel
****महात्मा गाँधी****
****महात्मा गाँधी****
Kavita Chouhan
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
दीदार
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुम ही कहती हो न,
तुम ही कहती हो न,
पूर्वार्थ
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
Loading...