इंसानियत की ज़रूरत है मज़हब की नहीं किसी मज़हब के नाम पर पहचान की ज़रूरत नहीं मुझें गीता, पुरान ,रामायन , कुरान की ज़रूरत नहीं —-अजय “अग्यार