इंतज़ार में इन्तहा के पल
1. एक झलक को,
बरसों किया इंतज़ार,
इन्तहा हुई ,
जब वो आए
किसी के साथ !!
2. बेदर्द वो ही नहीं ,
ज़माना भी है ।
हर ज़ख्म पर मेरे,
नमक छिड़क रहा है ।
3. दिल की कलम से,
जब भी लिखा …
बस
तेरा नाम लिखा !!
4. तुमने भूल दिए, वो पल
सीखा दे कोई मुझे भी ..वो गुर
न ज़िक्र हो तेरा ..
न तेरी याद आए..
5. कहने को बहुत है,
कोई सुने तो सही,
इस गुजरते वक्त को ,
पीछे ले तो सही ..
6. जब खाते देख उसे ,
तृप्ति हो गई,
पीया उसमे,
प्यास बुझ गई ,
साँस ली उसने,
लगा में जिंदा हूँ ।।
7. वो कहते हैं – कम बोला कर,
भला क्यों ??
पकड़े जाने का डर रहता है ।
8. न वो आया,
न आने की बात हुई ।
कम्बख़्त ये मोबाइल जब से आया ,
बस झूठ की बरसात हुई ।
9. मोबाइल की घन्टी संग ,
लगा फोन है आया,
मैं दौड़ कर आई ,
तो पता चला भाई !!
स्केम था ….
10. कोई कहता,
आँखे नम न किया करो ।
जब साथ हो हम ,
तो …
किसी बात गम न किया करो ।।