इंतजार
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अधिकांशतः राष्ट्रप्रेम -देश भक्ति-स्वतंत्रता सेनानियों की बातें और यादें भी केवल कुछ तारीखों तक ही सिमट कर रह गई है ,बाकी तो सब व्यस्त हैं अपने निजी स्वार्थ -लालसा -जिद -अहंकार -भोग विलास -तेरी मेरी में …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब कभी आप पूर्ण व्यस्त रहते हुए भी अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त किसी को देते हैं और बुरे वक़्त के दौर में जब उसी शख्स के पास आपके लिए समय ही नहीं होता तो …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में एक शख्स ऐसा अवश्य होता है जिसे हम अपने से ज्यादा महत्व देते हैं मगर बुरे वक़्त के दौर में जब वही व्यक्ति हमें सबसे ज्यादा गलत ठहराता है ,और तो और कानूनी तौर तक पर अलग होने की बात करता है तो ह्रदय छलनी ही नहीं चीथड़े चीथड़े होकर बिखर जाता है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की यहाँ हर कोई गलतियां गिनाता है -क्या करना चाहिए -क्या नहीं -कैसे करना चाहिए -कैसे नहीं ये बताता है ,काश कोई समझ पाता की माना दुर्घटना में चोट सबको लगती है पर काश कोई उस ड्राइवर की मनोदशा समझ पाता जो अपनी आँखों के सामने अपनों के जख्म देख कर भी कई बार खुद इतना बेबस -लाचार हो जाता है की किसी के जख्म की दवा भी नहीं दे पाता -इलाज भी नहीं कर पाता क्यूंकि चारों और स्याह काला अँधेरा होता है जहाँ कुछ दिखाई नहीं देता ,इंतजार होता है तो बस सुबह का और कम्बख्त ऐसे में रात भी लम्बी होती जाती है …
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान