इंतजार की हद
इन्तेज़ार की हद
हम तेरा इन्तज़ार करेंगे तब तक।
दिल में धड़कन रहेगी बाकी जब तक।।
दिल को मायूस ना होने देंगे हम यूँ।
दिये रौशन तेरी उम्मीद के रखेंगे तब तक।।
हुस्न का क्या, हुस्न पे तो जवाल भी है।
इश्क़ क़ायम रहेगा, रहती दुनिया तक ॥
हर तर्फ तेरी बिखरी हुयी यादे थी।
आँख बेदार रही रात सहर होने तक।।
ज़िक्र फूलों का हुआ तो ये अहसास हुआ दिल को।
तुम भी खूशबू की तरहा आओ बहार आने तक।।
क्यां कहूं बात है ये ग़में-अफसाने की।
हुस्न की इब्तदा थी इश्क़ की इन्तहाँ तक।।