इंतजार किया है कितना
नींद छोड़कर अपनी, हम रातों जागे,
तुझे ढूंढने बाहर हम, इधर उधर भागे,
तू ऐसी बसी नैनों में, जैसे बोतल में बसे शराब.
रखे दूध का सेवन बिन जामुन जाये खराब,
है पलके बोझिल सी, झपकी सी लेने लागे,
तुझे ढूंढने बाहर हम, इधर उधर भागे,
सुंदर है यह चेहरा तेरा, सुनहरे काले काले बाल,
रूप सजीला तेरा, उस पे गोरे गोरे गाल,
छन छन छन करती पायल, कानों को सुरीली लागे,
नींद छोड़कर अपनी हम रातों में जागे,
अब थक कर सोने लगे हैं, तेरा नखरा आंखों में रखकर,
तुम तो बंद रहोगी नैनो में, जैसे मंजू में भंवरा बनकर,
अब नैनो को ना खोलेंगे हम, तुझे अकेला छोड़ेंगे ना हम,
तेरा इंतजार किया है कितना, सब बतायेंगे जब मिलेगी तू आके,
तुझे ढूँढने की खातिर, बहार हम, इधर उधर भागे |