Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

इंकलाब जिंदाबाद

इंकलाब जिंदाबाद

खुद के धमाके से अलग धमाके आखिर उसे क्यों डराते हैं,
अन्य विद्रोह, पर खुद वाला सुरक्षा के लिए जरूरी बताते हैं ।

निज़ाम कितना अहंकार में डूबा है हैरत है,
बिना धमाके कुछ सुनता नहीं कितना बेगैरत है ।

कविता हो महिमा मंडन से अलग तो निज़ाम को डर लगता है,
इसी करके अहंकारी निज़ाम का दरबार भाट-चरणों का घर लगता है ।

निजाम जनता की ना सुने-देखे यह अक्सर होता है,
अहंकार में जब आंख, कान बंद कर निज़ाम सोता है ।

यदि योंही आंख कान बंद कर सोते रहेंगे,
होते रहे हैं, आंख, कान खोलने वाले धमाके और होते रहेंगे ।

जब जब भटकाने की कोशिश हुई युवा शक्ति फिर जुटी है,
युवा ज्यादा जागृत हुआ है और इंकलाब की लहर उठी है ।

170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
होली
होली
Madhu Shah
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
PRADYUMNA AROTHIYA
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
gurudeenverma198
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
बड़ी सी इस दुनिया में
बड़ी सी इस दुनिया में
पूर्वार्थ
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
Ravikesh Jha
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
■ रोचक यात्रा वृत्तांत :-
■ रोचक यात्रा वृत्तांत :-
*प्रणय प्रभात*
"सलाह"
Dr. Kishan tandon kranti
चुनिंदा अशआर
चुनिंदा अशआर
Dr fauzia Naseem shad
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
कविता
कविता
Shiva Awasthi
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जीवन  आगे बढ़  गया, पीछे रह गए संग ।
जीवन आगे बढ़ गया, पीछे रह गए संग ।
sushil sarna
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
Suryakant Dwivedi
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
Kshma Urmila
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...