इंकलाब के गीत
आवे के पड़ी
भगतसिंह
आवे के पड़ी
एक बार
औरी तहके
आवे के पड़ी…
लिखले बानी
हम अपना
ख़ून से जवन
ऊ गीतिया
इंकलाब के
गावे के पड़ी…
आवे के पड़ी
भगतसिंह
आवे के पड़ी
एक बार
औरी तहके
आवे के पड़ी…
लिखले बानी
हम अपना
ख़ून से जवन
ऊ गीतिया
इंकलाब के
गावे के पड़ी…