Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2022 · 1 min read

आह्वान पढ़ने का (ब्रज भाषा गीत)

आह्वान पढने का
०००००००००००००
पढ़वे में काहे घबराऔ ,
लिखवे में काहे सरमाऔ , सुनौ हमारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौं ,कलम ‌दुधारी रे ।।

अनपढ़ कौ जीनौ कहा जीनौ , मन में तनक विचारौ ,
अनपढ़़ लागै जैसै छोरा बूढ़ौ है जाय क्वारौ ,
वाकूँ कबहु अकल नाय आवै ,
यौं ही बीत उमरिया जावै,
वाकी सारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौ कलम दुधारी रे ।।(१)

छोरी के हाथन में चिट्ठी कौने नें सरमावै ,
कहा लिखी‌ बलमा नै कैसै दूजे पै बचवावै ,
ठाड़ी-ठाड़ी मन पछतावै ,
सोचै सिकुचावै झिर्रावै ,
होवै ख्वारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौ कलम दुधारी रे ।।(२)

जानै पढ़ लिये ढाई आँखर ,ऊ ही पंडत ज्ञानी ,
वाकी बात न गिरै सभा में, हर काई नै मानी ,
इतनी बात हमारी मानौ ,
अब तौ त्यागौ अनपढ़ बानौ ,
कहा लाचारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौ कलम दुधारी रे ।।(३)

गाम-गाम मेंं गली-गली में , एक-एक बाखर में,
दीयौ लै कै हाथन ढूँढ़ौ , अनपढ़ कूँ हर घर में,
यामें टका न लगै तिहारौ ,
सीखौ कागद करनौ कारौ ,
बैठ अटारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौ कलम दुधारी रे ।।(४)

चौपारन पै चरचा करकै , न‌ई चेतना लाऔ ,
सब हिल-मिल कै चलौ , ज्ञान की घर-घर ज्योति जराऔ ,
मावस्या कौ ई अँधियारौ ,
भाजै दूर होय उजियारौ ,
मनै दिवारी रे ।
अब तौ हाथन में थामौ कलम दुधारी रे ।।(५)
०००००

Language: Hindi
Tag: गीत
165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
Otteri Selvakumar
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
शेखर सिंह
फोन नंबर
फोन नंबर
पूर्वार्थ
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
Life
Life
Neelam Sharma
4401.*पूर्णिका*
4401.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निशाना
निशाना
अखिलेश 'अखिल'
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
😊एक दुआ😊
😊एक दुआ😊
*प्रणय*
केशव
केशव
Shashi Mahajan
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
गुजरा ज़माना
गुजरा ज़माना
Dr.Priya Soni Khare
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
शिक्षा हर मानव का गहना है।
शिक्षा हर मानव का गहना है।
Ajit Kumar "Karn"
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
sudhir kumar
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
"ईद-मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"मूल"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रश्रयस्थल
प्रश्रयस्थल
Bodhisatva kastooriya
अधखिला फूल निहार रहा है
अधखिला फूल निहार रहा है
VINOD CHAUHAN
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
Rj Anand Prajapati
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
Loading...