“आहट तेरी लाती है” गीत
“आहट तेरी लाती है”
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बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है
धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है।
चूड़ी,बिछिया,झुमका,पायल तेरी याद दिलाते हैं
झूला,कजरी,गजरा,चुनरी दिल में अगन लगाते हैं
सावन की ऋतु मन को भाती नेह सरस बरसाती है
बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है…।
सौंधी मिट्टी की खुशबू भी रोम-रोम को महकाती
मेंहदी,पाति उर में मेरे राग मधुर सा भर जाती
प्रीत पिया की मन सरसाती कोमल भाव जगाती है
बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है…।
रिमझिम सावन की फुहार अब गालों को थपकाती है
प्रेम नगर में फूल खिलाती रजनी भी मदमाती है
रजत चाँदनी प्यार लुटाती आँगन में भर जाती है
बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है…।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)