आस
करे तमाशा जिन्दगी, होना नहीं निराश।
ऐसे में धीरज धरो ,रखों आस विस्वास।। १
आस और विस्वास को, हरदम रखना पास।
जिन्दा रहता है वही,जिसमें होती आस।। २
कच्ची मिट्टी का बना, सच्चे झूठे आस।
ढ़ह जायेगा एक दिन, होना नहीं उदास।। ३
टूट गये सपने सभी, छूट गई है आस।
आंखों से गंगा बहे, फिर भी मन में प्यास।। ४
हिम्मत साहस जोश से,जला आस के दीप।
किस्मत बदलेगी तभी, हाथ लगेगी सीप।।५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली