आसमाँ इतना भी दूर नहीं –
आसमाँ इतना भी दूर नहीं –
के छू ना सकें –
बस –
इरादे और हौसले बुलंद होने चाहिए
सीढ़ी क्यों लगाएं उस आसमाँ तक
क्यों ना खींच लाएं
उस आसमाँ को
अपने जहां तक
आसमाँ इतना भी दूर नहीं –
के छू ना सकें –
बस –
इरादे और हौसले बुलंद होने चाहिए
सीढ़ी क्यों लगाएं उस आसमाँ तक
क्यों ना खींच लाएं
उस आसमाँ को
अपने जहां तक