आशिक-दिवाना
तुम्हारे प्रेम में पागल, मैं आशिक पुराना हूँ।
इधर तु भीड़ में पागल, उधर मैं भी दिवाना हूँ।
ना जाने क्यूँ तुम्हारे बिन ये जिंदगी अधुरी सी लगती है।
शायद, तुझ बिन मैं अधुरा हूँ, मुझ बिन तु है।
तुम्हारे प्रेम में पागल, मैं आशिक पुराना हूँ।
इधर तु भीड़ में पागल, उधर मैं भी दिवाना हूँ।
ना जाने क्यूँ तुम्हारे बिन ये जिंदगी अधुरी सी लगती है।
शायद, तुझ बिन मैं अधुरा हूँ, मुझ बिन तु है।