Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

*आशाओं के दीप*

मां तेरी ममता से कैसे
कोई नफरत कर सकता है
कोई पत्थर दिल ही होगा
जो तेरी आंखों में
नीर देख सकता है।

इस मतलब की दुनिया में
अब तो बस आपाधापी
शीश नवाऊं तेरे चरणों में
तुझको कैसे कोई
कुमाता कह सकता है।

भाई बहन के रिश्ते में
स्नेह अपार होता था
इस झूठी शान शौकत में
कैसे कोई नफरत में बांट सकता है ।

खून के रिश्ते नातों में
जो अपनापन होता है
कुछ लोगों के कुछ कह देने से क्या?
इसमें नफरत का बीज उग सकता है।

हम इंसान हैं तो खुदा
सबके अलग-अलग है
तेरा मंदिर ,मेरा मस्जिद
कह देने से क्या कोई नफरत से
भगवानों को बांट सकता है।

कितना दुर्लभ होता जा रहा है
मात पिता को संग रखपाना
इस कुटिल हृदय की साजिश में
प्यार पर भारी नफरत हो जाती है।

आशाओं के दीप के जैसा
मात-पिता ने हमको पाला
चाहत के अरमानों को हमको दे डाला
कोई नफरत उनसे करें तो करें!
हमने तो उम्र भर का नाता
उनकी मुस्कानों को दे डाला।

2 Likes · 140 Views

You may also like these posts

सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
Ashwini sharma
मातृशक्ति को नमन
मातृशक्ति को नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्म
धर्म
Mamta Rani
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
मस्ती में चूर - डी के निवातिया
मस्ती में चूर - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
SATPAL CHAUHAN
पश्चाताप के आंसू
पश्चाताप के आंसू
Sudhir srivastava
My Precious Gems
My Precious Gems
Natasha Stephen
हम और तुम
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मेरी पुकार
मेरी पुकार
Ahtesham Ahmad
बस यूं ही
बस यूं ही
पूर्वार्थ
परख और पारखी
परख और पारखी
Mahender Singh
हे युवा पीढ़ी सुनो
हे युवा पीढ़ी सुनो
Harinarayan Tanha
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
Shwet Kumar Sinha
भड़ोनी गीत
भड़ोनी गीत
Santosh kumar Miri
क्या ये पागलपन है ?
क्या ये पागलपन है ?
लक्ष्मी सिंह
संवेदनाओं का भव्य संसार
संवेदनाओं का भव्य संसार
Ritu Asooja
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
Rj Anand Prajapati
एक लम्हा भी
एक लम्हा भी
Dr fauzia Naseem shad
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
गीत
गीत
Suryakant Dwivedi
मनुष्य
मनुष्य
विजय कुमार अग्रवाल
"उतर रहा मन"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रद्धाञ्जलि
श्रद्धाञ्जलि
Saraswati Bajpai
“बहुत देखे हैं”
“बहुत देखे हैं”
ओसमणी साहू 'ओश'
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुझमें क्या बात है
तुझमें क्या बात है
Chitra Bisht
हिन्दी भारत की शान
हिन्दी भारत की शान
Indu Nandal
Loading...