Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2022 · 1 min read

आलोचना

विश्लेषणात्मक आलोचना का उद्देश्य कौशल को परिष्कृत करना है , जबकि नकारात्मक आलोचना का उद्देश्य छवि को धूमिल करना है।

Language: Hindi
207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सफलता कड़ी मेहनत और दृढ़ता की शक्ति में विश्वास करती है। अक्
सफलता कड़ी मेहनत और दृढ़ता की शक्ति में विश्वास करती है। अक्
पूर्वार्थ
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
Dr.S.P. Gautam
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी रूठ गयी
जिंदगी रूठ गयी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नाकाम किस्मत( कविता)
नाकाम किस्मत( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
देसी घी से टपकते
देसी घी से टपकते
Seema gupta,Alwar
बहार...
बहार...
sushil sarna
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
हम कितने नोट/ करेंसी छाप सकते है
शेखर सिंह
प्रेम की गहराई
प्रेम की गहराई
Dr Mukesh 'Aseemit'
3705.💐 *पूर्णिका* 💐
3705.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
Ravikesh Jha
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
Sunil Maheshwari
दोहे- चरित्र
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*संभल में सबको पता, लिखा कल्कि अवतार (कुंडलिया)*
*संभल में सबको पता, लिखा कल्कि अवतार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
"बेदर्द जमाने में"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
Mukta Rashmi
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
gurudeenverma198
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
जय लगन कुमार हैप्पी
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
Loading...