आलस , निर्भरता और राहुल।
एक बार एक राहुल नाम का एक विद्यार्थी था। आठवीं कक्षा में पढ़ता । आलसी स्वभा का था। किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता। मार्च माह शुरू हो चुका था। वार्षिक परीक्षा पास थी। घर वाले समय समय पर याद दिलाते रहते। लेकिन अपने आलसी स्वभा के कारण वह कुछ पढ़ाई नहीं करता था। कुछ दिन बीत गए। परीक्षा के दिन शुरू हो गए। अब राहुल को चिंता होने लगी। उसने सोचा के अब आपने किसी दोस्त की
मदद क्यों न लि जाए ? परीक्षा के दिन किसी दोस्त से नकल कर लूंगा। परीक्षा के दिन किसी दोस्त से बात की और नकल करने की तैयारी कर ली । अब परीक्षा का समय आया तो उसके दोस्त ने नकल करवाने से मना कर दिया । अब राहुल फस गया, अब भगवान का नाम लेकर जो समझ में आया वह लिखता गया।
सभी परीक्षा में इसी तरह चलता रहा। परिणाम का दिन आया , और राहुल फेल होगया। घर से डांट भी पड़ी । लेकिन अब उसने आपने आप को बदलने की सोच ली। उसने सीखा की आलस और किसी दूसरे पर निर्भर रहना , दोनो ही बुरे है।