Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2022 · 1 min read

आलस , निर्भरता और राहुल।

एक बार एक राहुल नाम का एक विद्यार्थी था। आठवीं कक्षा में पढ़ता । आलसी स्वभा का था। किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता। मार्च माह शुरू हो चुका था। वार्षिक परीक्षा पास थी। घर वाले समय समय पर याद दिलाते रहते। लेकिन अपने आलसी स्वभा के कारण वह कुछ पढ़ाई नहीं करता था। कुछ दिन बीत गए। परीक्षा के दिन शुरू हो गए। अब राहुल को चिंता होने लगी। उसने सोचा के अब आपने किसी दोस्त की
मदद क्यों न लि जाए ? परीक्षा के दिन किसी दोस्त से नकल कर लूंगा। परीक्षा के दिन किसी दोस्त से बात की और नकल करने की तैयारी कर ली । अब परीक्षा का समय आया तो उसके दोस्त ने नकल करवाने से मना कर दिया । अब राहुल फस गया, अब भगवान का नाम लेकर जो समझ में आया वह लिखता गया।
सभी परीक्षा में इसी तरह चलता रहा। परिणाम का दिन आया , और राहुल फेल होगया। घर से डांट भी पड़ी । लेकिन अब उसने आपने आप को बदलने की सोच ली। उसने सीखा की आलस और किसी दूसरे पर निर्भर रहना , दोनो ही बुरे है।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
gurudeenverma198
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
*कविवर श्री राम किशोर वर्मा (कुंडलिया)*
*कविवर श्री राम किशोर वर्मा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लंबा क़ानून
लंबा क़ानून
Dr. Rajeev Jain
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
3361.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3361.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
Chaahat
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परतंत्रता की नारी
परतंत्रता की नारी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेरी याद ......
तेरी याद ......
sushil yadav
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
"पिता है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
#सवाल-
#सवाल-
*प्रणय प्रभात*
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
जब तात तेरा कहलाया था
जब तात तेरा कहलाया था
Akash Yadav
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ऐ चांद! तुम इतराते
ऐ चांद! तुम इतराते
Indu Singh
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
Loading...