Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2019 · 1 min read

आलसी नही कर्मठ बने

आजकल सब जगह गरीबों को मुफ्त खाना रहना बिजली पानी की विडंबनापूर्ण पेशकश की जाती है और की जा रही है जो उचित परिवेश नही है ।
इससे एक ऐसा वातावरण बन रहा है कि संवेदना की आड़ काम से दूर होते हुए काम करने की बजाए ऐसे मुफ्त की तरफ निहारते है ।
वास्तव में इन्हे काम करने के लिए प्रेरित करें , काम उपलब्ध करवाए ।
अगर ऐसा नहीँ हुआ तो आने वाले समय में आलसी , निक्कमी पीढ़ी तैयार हो जाएगी जो इस उम्मीद पर जिएगी कि हर आने वाली सरकार कुछ मुफ्य आफर ले कर आऐगी और मेहनत से दूर भागेगी

संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज
ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज
कवि रमेशराज
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
!! सत्य !!
!! सत्य !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
करके याद तुझे बना रहा  हूँ  अपने मिजाज  को.....
करके याद तुझे बना रहा हूँ अपने मिजाज को.....
Rakesh Singh
''फॉलोवर्स
''फॉलोवर्स" का मतलब होता है "अनुगामी।"
*प्रणय प्रभात*
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
Rj Anand Prajapati
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
Sumer sinh
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक
एक "सहेली" एक "पहेली"
विशाल शुक्ल
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
कोई आदत नहीं
कोई आदत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
मोहब्बत ने मोहतरमा मुझे बदल दिया
मोहब्बत ने मोहतरमा मुझे बदल दिया
Keshav kishor Kumar
" आँसू "
Dr. Kishan tandon kranti
*** लहरों के संग....! ***
*** लहरों के संग....! ***
VEDANTA PATEL
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...