आराम से पढ़ियेगा इसे । बहुत ज़रूरी बात है । आपको बीस पच्चीस
आराम से पढ़ियेगा इसे । बहुत ज़रूरी बात है । आपको बीस पच्चीस साल की उम्र में मेरी यह बात बकवास लगेगी , धीरे धीरे ज़िंदगी समझायेगी आपको यह सत्य ।
तुम्हारे लिए सारा जीवन एक प्रतियोगिता बनाकर छोड़ दिया गया है। कहा गया है कि जीवन बाक़ी हर किसी से आगे निकलने का नाम है, समझाया गया है कि तुम हर किसी से बेहतर नहीं हुए तो तुम्हारा वजूद ख़त्म हो जाएगा। मैं पूछता हूँ, किस बाग में एक अकेला फूल खिलता है। मैं पूछता हूँ दुनिया में कोई एक चीज़ ही खूबसूरत क्यों नहीं है ? मैं पूछता हूँ क्यूँ हम सब अकेलेपन में अवसाद में चले जाते हैं ? सुनो, जीवन प्रतियोगिता नहीं है, जीवन सह-अस्तित्व का नाम है। जिस दिन यह समझ जाओगे उस दिन तुम्हें तुम्हारे होने का महत्व समझ आएगा। जिस दिन यह समझ जाओगे उस दिन अपनी रोशनी से मोहब्बत होगी, किसी और से ज़्यादा तेज़ जलने की होड़ नहीं।।