आरजू
आरजू…..
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नजर भर देख लो हमको, हमें ना यूं बिसारो तुम,
लगालो सीने से मुझको, नजर न फेर जाओ तुम।
सुनो जी तेरे ही खातिर, जहाँ में आये है दिलवर
हमे यूं भुल ना जाओ, नजर ना यूं चुराओ तुम।।
नजर ना यूं चुराओ तुम, ना हमसे दूर जाओ तुम
कसम ली संग रहने की, अजी उसको निभाओ तुम।
नहीं कोई गिला सिकवा है, हमको आज अब रब से
सनम अब हसरतें मेरी, उसे समझो पुराओ तुम।।
कसम ली थी जो हमने , संग रहने की उसे समझो
कसम के संग रहने की , कसम खाई उसे समझो।
कसम जो तोड़ दी तुमने , कसम के संग रहने की
कसम से फिर नही हमको , सनम पाओगे फिर समझो।।
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©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
8/12/2017